एटा : -
नवंबर माह में 977 गर्भवती माताओं की हुई जांच।
कोविड के समय बिगड़े हालातों ने धीरे-धीरे पटरी पर आना शुरू कर दिया है।और इसी का उदाहरण है कि हर माह की 9 तारीख को मनाई जाने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की शुरुआत हो चुकी है।जनपद के ब्लॉक निधौली में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जिलाधिकारी सुखलाल भारती द्वारा फीता काटकर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस की शुरुआत की गई। उन्होंने कहा कि अभी परिस्थितिवश लोग अस्पताल आने में डर रहे है। मुख्यतः गर्भवती महिला प्रसव के लिए केन्द्रों पर आ रही हैं लेकिन जांच के लिए नहीं। जबकि गर्भावस्था व प्रसव के समय होने वाले खतरों से मातृ एवं शिशु को बचाने के लिए प्रसव पूर्व जांच बहुत जरूरी है।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी अरविंद कुमार गर्ग, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी. डी. भिरोरिया,जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता ताहिरा अल्वी, डीजीएम अभिषेक शुक्ला, डीसीएस श्वेता पांडे, एमओआईसी डॉ शिवम गुप्ता, एमओ डॉ राजीव किशोर, बीपीएम धर्मेंद्र कुमार, डॉ प्रबल, डॉ इशरत, डॉ ऋतु, विमल कुमार, संदीप कुमार , राजेश कुमार, लोकेश गुप्ता, आशा संगिनी एवं आशाएं आदि मौजूद रहे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद कुमार गर्ग ने कहा कि त्योहारों का समय है और महामारी का दौर भी, अतः पूरी सर्तकता के साथ प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को भी त्योहार की तरह मनायें।किसी भी गर्भावस्था में जहाँ जटिलताओं की संभावना अधिक होती है उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था में रखा जाता है। और इसका पता लगाने के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर्स के द्वारा प्रसव पूर्व तीन सम्पूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। जिससे कि समय रहते इसका पता लगाकर, इससे होने वाले खतरों से गर्भवती को बचाया जा सके।
एसीएमओ/ आरसीएच,डॉ बी.डी.भिरोरिया ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जनपद के जिला महिला अस्पताल सहित ब्लॉक स्तरीय 10 इकाइयों पर महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच एवं उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का चिन्हीकरण कर उनका समुचित तरीके से उपचार करते हुए आयरन की निशुल्क गोलियां वितरित की जाती है। जिससे वह स्वस्थ रहें। उन्होंने बताया कि जिले में लॉकडाउन के दौरान वर्ष 2020-21 में अप्रैल व मई 2020 को छोड़कर अब तक 3837 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गई है। जिसमें से 474 उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उनका इलाज किया गया। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं की ब्लूडग्रुप, उच्च रक्तचाप,मधुमेह,वजन,यूरिन,एचआईवी,सिफलिस आदि जांच तथा अल्ट्रासाउंड के साथ अन्य जांच निशुल्क किए गए। हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं को आयरन सूक्रोज इंजेक्शन लगाकर आयरन फोलिक एसिड व कैल्शियमकी गोली देकर उनका नियमित सेवन करने की सलाह स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दी गई।इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु साबुन से बार-बार हाथ धोने, मुंह पर मास्क लगाने तथा बेवजह घर से बाहर ना निकलने का परामर्श दिया। जिससे वह कोरोना वायरस की चपेट में ना आने पाए।
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता ताहिरा अल्वी ने बताया कि बेहतर पोषण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी होने से बचाता है ।ऐसे में उन्हें हरी सब्जी, फल,सोयाबीन, चना एवं गुड़ का सेवन करना चाहिए।इसके अलावा गर्भावस्था के आखिरी दिनों वाली महिलाओं को दिन में चार बार खाना चाहिए, जिससे वह स्वस्थ रहें।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सपना अग्रवाल ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के विषय में बताया कि पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को उचित खानपान तथा जच्चा-बच्चा स्वस्थ रहें, इसके लिए योजना के तहत तीन किस्तों में 5000 रूपये सीधे लाभार्थी के खाते में दिए जाते हैं। इस योजना का लाभ पाने के लिए सबसे पहले स्वास्थ्य इकाई पर पंजीकरण कराना होता है जिसके बाद पहली किस्त के रूप में 1000 रूपये दिये जाते हैं । दूसरी क़िस्त 6 महीने के भीतर टीकाकरण और जांच कराने पर 2000 रूपये दिया जाता है और तीसरी क़िस्त प्रसव होने के उपरांत बच्चे के टीकाकरण के बाद मिलती है ।

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