भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दूरदर्शी और दृढ़ निश्चयी व्यक्तित्व - डॉ. कंचन जैन

अलीगढ़ =

डॉ कंचन जैन द्वारा “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपलब्धि और नवाचार”एवं “आजादी के विजय गाथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी” दो पुस्तकों का संपादन प्रधान संपादक के रूप में किया है। यह दोनों पुस्तक आईएसबीएन नंबर पर प्रकाशित हुई हैं। आज के शुभ अवसर  17 सितंबर को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना जन्मदिन मना रहे हैं। यह दिन न केवल उनके लिए, बल्कि भारत के लिए भी खास है, क्योंकि यह उस व्यक्ति के जीवन का उत्सव है जिसने देश को नई दिशा दी है। नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व कई पहलुओं का संगम है—वे एक कुशल रणनीतिकार, एक अथक कार्यकर्ता, और एक दूरदर्शी नेता हैं।

नरेंद्र मोदी का जीवन संघर्ष और सफलता की एक प्रेरणादायक कहानी है। उनका बचपन गुजरात के वडनगर में अभावों में बीता, जहां वे एक रेलवे स्टेशन पर चाय बेचकर अपने परिवार की मदद करते थे। यह अनुभव उनके जीवन की नींव बना, जिसने उन्हें जमीन से जोड़े रखा और आम लोगों की समस्याओं को गहराई से समझने की क्षमता दी। उनकी यह सादगी और आमजन से जुड़ाव ही उनके नेतृत्व की सबसे बड़ी ताकत है।


एक राजनेता के रूप में, मोदी का उदय असाधारण रहा है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल ने उन्हें एक विकास-केंद्रित नेता के रूप में पहचान दिलाई। उन्होंने राज्य में बुनियादी ढांचे, उद्योग और सुशासन पर जोर दिया, जिससे गुजरात भारत के सबसे विकसित राज्यों में से एक बन गया। गुजरात मॉडल की सफलता ने उन्हें 2014 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री पद के लिए एक स्वाभाविक दावेदार बना दिया।

2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद, उन्होंने भारत को एक नए युग में ले जाने का संकल्प लिया। 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' का उनका नारा सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि उनकी शासन शैली का मूल मंत्र बन गया। उन्होंने कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू कीं, जैसे 'स्वच्छ भारत अभियान', 'जन धन योजना', और 'मेक इन इंडिया'। इन योजनाओं ने न केवल देश के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को बदला, बल्कि करोड़ों भारतीयों के जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाए।

नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी खूबी उनकी दृढ़ता और निर्णय लेने की क्षमता है। विमुद्रीकरण हो या वस्तु एवं सेवा कर (GST) जैसे बड़े आर्थिक सुधार, उन्होंने हमेशा कठिन निर्णय लेने से गुरेज नहीं किया। उनके आलोचक भले ही इन फैसलों पर सवाल उठाएं, लेकिन यह निर्विवाद है कि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को अधिक पारदर्शी और औपचारिक बनाने का प्रयास किया।

विदेश नीति के क्षेत्र में, मोदी ने भारत की छवि को एक मजबूत और विश्वसनीय राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने दुनिया भर के नेताओं के साथ व्यक्तिगत संबंध बनाए, जिससे भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ी। संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता दिलाना और G20 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का नेतृत्व करना उनकी कूटनीतिक सफलता का प्रमाण है।

उनके नेतृत्व में, भारत ने डिजिटल क्रांति की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। 'डिजिटल इंडिया' मिशन ने सरकारी सेवाओं को आम लोगों तक आसानी से पहुंचाया है। 'आधार' और 'यूपीआई' जैसी प्रणालियों ने भारत को वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में विश्व का अग्रणी बना दिया है।

0/Post a Comment/Comments

Previous Post Next Post