कासगंज : -
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से आया स्वस्थ्य सेवाओं में बदलाव।
206 लोगों ने संजीवनी एप को अपनाया,टेलीमेडिसिन के तहत मरीज ले रहे लाभ।
नवंबर माह मे 206 से अधिक मरीज़ ई-संजीवनी एप का उठा चुके लाभ।
कोरोना वायरस से बचने का प्रमुख तरीका शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है। सीमित संसाधनों के बावजूद कई तरह के घरेलू नुस्खे प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। आयुष मंत्रालय की ओर से विकसित आयुष संजीवनी ऐप में ऐसे कई घरेलू नुस्खों के बारे में बताया गया, जिनके इस्तेमाल से प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। मंत्रालय का लक्ष्य 50 लाख लोगों तक इस एप को पहुंचाना है। एप में महत्वपूर्ण जानकारियों के अलावा खानपान से जुड़े कुछ सवाल हैं, जिसके उत्तर आपको देने होंगे। आपके उत्तर से मिली जानकारियों के आधार पर मंत्रालय कोरोना संक्रमण से बचाव व खानपान के बीच संबंध स्थापित कर कोरोना से बचाव की दिशा में अनुसंधान को गति देगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम )कुंवरपाल सिंह ने बताया कि इस एप के नतीजे अच्छे आ रहे हैं। अब तक सैकड़ो लोग इसका फायदा उठा चुके हैं। नवंबर माह मे 206लोगों ने इसका लाभ उठाया
उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों या फिर जो लोग स्मार्ट फोन का उपयोग नहींं करते हैं। वहां हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर कार्यरत कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर 33(सी एच ओ ) का काम कर रही है। कासगंज में 3 सोरों, 1 सिढ़पुरा, 1 पटियाली, 6अमापुर, 13सहावर में सीएचओ तैनात है। सीएचओ व एएनएम के ज़रिए टैबलेट्स का उपयोग कर ई-संजीवनी ओपीडी के तहत चिकित्सीय परामर्श ले रहे हैं। कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर (सीएचओ )और एएनएम के जरिए यह सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर (सीएचओ )इस एप के माध्यम से मरीज़ों को विशेष सेवा व डॉक्टरों की सलाह दिला पा रहे हैं। सोमवार से शनिवार 9 बजे से 4 बजे तक सेवा उपलब्ध रहती है।
----------
ऐसे करें एप प्रयोग
डीसीपीएम के पी सिंह ने बताया कि प्ले स्टोर पर जाकर ई-संजीवनी एप को डाउनलोड किया जा सकता है। मोबाइल नंबर डालने पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी )आएगा। वन टाइम पासवर्ड डालते ही ई-संजीवनी एप खुल जाएगा। इसमें रोगी का नाम, पता, बीमारी आदि जानकारी भरी जाएगी। अगर कोई जांच रिपोर्ट हो तो उसे अपलोड किया जा सकता है। इसके बाद चिकित्सक के साथ ऑनलाइन जुड़कर चिकित्सक से राय ले सकते हैं। चिकित्सक दवा लिखकर भेज देंगे।
---------
लाभार्थी भी एप से खुश
ई संजीवनी एप ज़रिए विशेषघ डॉक्टरों का परामर्श मिलने से मरीज़ भी खुश हैं। लोगों ने कहा कि उन्होंने इस एप के माध्यम से सीधा डॉक्टरों से सम्पर्क कर अपनी समस्या बताई। जिसके बाद उन्हें दवाओं के बारे मे जानकारी दी।
Post a Comment