मिशन शक्ति कार्यक्रम से लिंगानुपात, बाल विवाह में सुधार

अलीगढ़ :–


- महिला एवं बाल विकास विभाग के राज्य सलाहकार ने गिनाई उपलब्धियां

- सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से आयोजित हुई कार्यशाला में बोले कई विशेषज्ञ  

  प्रदेश में मिशन शक्ति कार्यक्रम चलने से लिंगानुपात, बाल विवाह में सुधार हुआ है। अलीगढ़ मंडल में स्वावलंबन कैम्प के माध्यम से मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना  के तहत 29,730 लाभार्थी, निराश्रित महिला पेंशन योजना में 13,444 विधवा और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत 678 लोगों के आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। यह बातें लखनऊ से आए महिला एवं बाल विकास विभाग के राज्य सलाहकार नीरज मिश्रा ने सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से एक होटल में हुई कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि कहीं।

राज्य सलाहकार ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य विभाग की विभिन्न योजनाओं को मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाना है, जिससे लोग उनका लाभ ले सकें। उन्होंने बताया कि मण्डल के प्रत्येक जनपद में 45 बालिकाओं तथा 225 जेंडर चैंपियन महिलाओं को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पांच-पांच हजार रुपये के नगद पुरस्कार दिए गए हैं। मण्डल में 50 से अधिक प्रशासनिक पदों पर मेधावी बालिकाओं को एक दिन की सांकेतिक अधिकारी (नायिका) नामित करते हुए उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया है। विशेष अभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में 2 माह में लगभग 1425 नई पात्र बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है। नीरज मिश्रा ने आगामी कार्य योजना के बारे में बताया कि विभाग की ओर से ऑपरेशन मुक्ति का आयोजन किया जाएगा। साथ ही बाल विवाह और बाल श्रम के विरुद्ध सप्ताह का वृहद अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा मेगा इवेंट हक की बात जिलाधिकारी के साथ, प्रधान सम्मेलन तथा अनंता का आयोजन किया जाएगा।

प्रभारी डिप्टी डायरेक्टर महिला कल्याण विभाग/जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह ने कहा कि मिशन शक्ति एक सामूहिक प्रोग्राम है जिसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन सुनिश्चित करना है। विभाग का मिशन महिलाओं और बच्चों से जुड़े विषयों पर प्रभावी नीतियों का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि महिलाओं व बच्चों के सामाजिक व आर्थिक सशक्तीकरण का पूर्ण विकास और उनके अधिकारों का संरक्षण करते हुए उन्हें संस्थागत और गैर संस्थागत समर्थन प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से अलीगढ़ में 02 बाल गृह संचालित हैं। मण्डल के दो जनपदों अलीगढ़ व हाथरस में उडा़न सोसायटी के माध्यम से चाइल्डलाइन संचालित है। इसके अलावा मण्डल के चारों जनपदों में वन स्टॉप सेंटर व 181 महिला हेल्पलाइन संचालित की जा रही हैं।

स्मिता ने बताया कि कोविड के दौरान अपने एक या दोनों अभिभावक खो देने वाले बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना चलाई जा रही है। जिसमें उन्हें चार हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि मण्डल में ऐसे 469 बच्चों को अब तक लाभान्वित किया गया है। इसके अलावा 56 बच्चों को 2022-23 में लाभान्वित किया जाएगा।

डिप्टी डायरेक्टर समाज कल्याण संदीप कुमार सिंह ने कहा कि विभाग की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए मीडिया की भूमिका अहम है।डीपीओ आईसीडीएस श्रेयस कुमार ने विभाग की  योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में मीडियाकर्मियों ने भी सवाल पूछे जिसका विशेषज्ञों ने जवाब दिया। कार्यक्रम में शिक्षा, श्रम और पुलिस विभाग के लोगों ने शिरकत की। कार्यशाला में कासगंज के डीपीओ ओम प्रकाश यादव, महिला कल्याण अधिकारी वर्षा सिंह, आरबीएसके के नोडल अधिकारी डॉ. बीके राजपूत, डीईआईसी मैनेजर मुनाजिर हुसैन, गौरव चंदेल, रागिनी सिंह, सीमा अब्बास, नाजिया सिद्दीक़ी, दीपक चौहन, अभिषेक गौतम आदि मौजूद थे।

जिले में अबतक बने 14 लाख ई-श्रम कार्ड  :

सहायक श्रम आयुक्त  बीएम शर्मा ने कहा कि जो पुरुष या महिलाएं कहीं नियोजित नहीं हैं, उनके लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना चलाई जा रही है। इस योजना के लिए व्यक्ति अपने फोन के माध्यम से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। ई-श्रम कार्ड के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति जन सेवा केंद्र पर जाकर अपना कार्ड बनवा सकते हैं। जिले में अबतक 14 लाख ई-श्रम कार्ड बनाए गए हैं।

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