अलीगढ़ :–
-मलखान सिंह जिला चिकित्सालय में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत किया जाएगा आयोजित
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विश्व तम्बाकू निषेध दिवस आगामी 31 मई को मलखान सिंह जिला चिकित्सालय में आयोजित किया जाएगा। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर 15 जून तक तंबाकू नियंत्रण अभियान भी चलाया जाएगा।
सीएमओ डॉ नीरज त्यागी ने कहा कि तम्बाकू का सेवन किसी भी रूप में और कभी भी उपयोग करना नुकसानदेह है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू का धुआं फेफड़ों को प्रभावित करता है। सिगरेट, गांजा, तम्बाकू का सेवन करने वालों के लिए यह बहुत ही गंभीर और जोखिम भरा हो सकता है।
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पुरुषों में 50 व महिलाओं में 20 % कैंसर की संभावना:
नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीके सिंह राजपूत ने बताया कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत तम्बाकू उत्पादों के इस्तेमाल करने पर 50 प्रतिशत पुरुषों एवं 20 प्रतिशत महिलाओं में कैंसर होने की संभावना होती है। इससे 40 प्रतिशत टीबी एवं अन्य रोगों के होने की भी आशंका रहती है। तम्बाकू सेवन के कारण मधुमेह, फेफड़ों की गंभीर बीमारी, स्ट्रोक, अंधापन, नपुसंकता, टीबी एवं कैंसर आदि रोग हो सकते हैं।
हरदुआगंज सीएचसी के दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. सनिल ने बताया कि कैंसर के 10 मरीजों में से 2-3 ओरल कैंसर के होते हैं, जिसका प्रमुख कारण तम्बाकू सेवन है। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष लगभग 01 लाख 30 हजार नए ओरल कैंसर के प्रकरण सामने आ रहे हैं। इन मामलों में मरीज के 5 साल जीवित रहने की दर 50 प्रतिशत है।
मलखान सिंह जिला चिकित्सालय अस्पताल के कंसल्टेंट मनोचिकित्सक डॉ. अमित सिंह ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी इस दिन को मनाने के पीछे का मकसद लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकासान के बारे में बताना है। तंबाकू स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है, इसका सेवन करने से कैंसर, दमा, श्वसन व कठिन मानसिक रोगों जैसी अन्य बहुत सी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हर साल लाखों की संख्या में लोगों की मौत तंबाकू के सेवन के कारण होती हैं। लोगों को इसके नुकसान के बारे में बताते हुए तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। युवाओं को भी इस बारे में समझाया जाता है ताकी वे इसकी शुरुआत कर सकें।
वित्तीय सलाहकार रागिनी सिंह ने कहा कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्व ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। यही नहीं, इसके साथ-साथ निकोटीन व्यावसाय और तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों और मौतों को कम करना भी है।
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विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उद्देश्य:
मानसिक विभाग की डॉ अंशु सोम ने बताया कि इस दिवस को मनाने का मकसद धूम्रपान के विभिन्न तरीकों जैसे, सिगरेट पीना, खैनी चबाना, गुटखा खाना व तंबाकू सेवन के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कराना और उन्हें जागरूक करना होता है। वैसे, एक जिम्मेदार इंसान होने के नाते हमें इसकी शुरुआत अपने-अपने घरों से ही करनी चाहिए। अगर घर का कोई सदस्य खुलेआम या चुपके-चुपके भी धूम्रपान करता है, तो उन्हें दुष्परिणामों से अवगत कराएं और उसका घर के दूसरे सदस्यों पर कितना अनुकूल असर पड़ता है, उससे भी उन्हें परिचित कराएं।

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