कासगंज :–
कुष्ठ रोग से जंग जीतने के लिए सीएमओ कार्यालय समेत सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर शपथ ली
दो मिनट का मौन रखकर महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि
जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवध किशोर प्रसाद के नेतृत्व में विश्व कुष्ठ दिवस पर गोष्टी का आयोजन किया गया। साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर शपथ ग्रहण का आयोजन किया गया|
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के सी जोशी ने बताया कि कुष्ठ रोग को ग्रामीण इलाकों में आज भी कुछ लोग देवी-देवताओं का प्रकोप या पूर्व जन्म का अभिशाप मानते हैं। लेप्रोसी यानी कुष्ठ रोग को लेकर समुदाय में बहुत भ्रांतियाँ हैं। समय पर कुष्ठ रोग के लक्षणों की पहचान और इलाज से रोग ठीक हो सकता है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कुष्ठ रोग विश्व की सबसे पुरानी और गंभीर बीमारियों में से एक है। इसके नाम से ही लोगों के मन में हीन भावना उत्पन्न हो जाती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस बीमारी के कारण रोगी का शरीर विकृत हो जाता है। दूसरा कारण इससे जुड़ी कुछ गलत धारणाएं भी हैं।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कुष्ठ रोगियों की पहचान के लिए 13 फरवरी तक घर-घर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। रोगियों को सेल्फ केयर किट दी जाएगी। जिले में मौजूदा समय में 38 रोगी उपचाराधीन हैं। उन्होंने बताया कि जिला पुरुष व महिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी, पीएचसी व उपकेंद्रों में कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक किया गया।
एसीएमओ ने सभी से अपील की है कि आसपास के संभावित मरीजों को इलाज कराने के लिए जागरूक करें कि कुष्ठ बीमारी का निशुल्क इलाज सभी स्वास्थ्य इकईयों पर उपलब्ध है। समय से कुष्ठ रोग के उपचार से मरीज बीमारी से मुक्त हो सकता है।
गोष्ठी में डिप्टी सीएमओ डॉ. रवेन्द्र, ओ पी पश्नावतव सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।
संक्रामक रोग है लेप्रोसी
एसीएमओ बताते है कि लेप्रोसी एक संक्रामक रोग है। जो माइकोबैक्टीरियम लेप्री नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया मुख्य रूप से मानव त्वचा, ऊपरी श्वसन पथ, तंत्रिकाओं, आंखों और शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करता है। इस रोग में शरीर गलने के कारण विकृत हो जाता है। यह बीमारी बहुत धीमी रफ्तार से बढ़ने वाले बैक्टीरिया से फैलती है इसलिए पूरी तरह इसके लक्षण सामने आने में कई बार 4 से 5 साल का समय भी लग जाता है।
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