जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस


कासगंज :–

607 गर्भवतीयों की प्रसव पूर्व जाँच,24 उच्च जोखिम वाली गर्भवती हुई चिन्हित

जिले में गर्भवतियों की गुढ़वत्तापूर्ण जांच व सुविधाएं देने के लिए सोमवार को सयुंक्त जिलाचिकित्सालय समेत सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस मनाया गया। इस दौरान कुल 607 गर्भवतियों की निशुल्क जांच की गई। जांच के दौरान 24 उच्च जोखिम वाली गर्भवती चिन्हित की गई।

नोडल अधिकारी डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित दिवस पर द्वितीय व तृतीय तिमाही वाली गर्भवती की एमबीबीएस चिकित्सक अथवा महिला रोग विशेषज्ञ की देखरेख में प्रसवपूर्व जांच की जाती है। साथ ही कोरोना, हीमोग्लोबिन, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, वजन, यूरिन, एचआईवी, सिफलिस आदि जांच तथा अल्ट्रासाउंड के साथ अन्य जांच की जाती हैं। इसके अलावा सभी गर्भवतियों को आयरन फोलिक एसिड व कैल्शियम की गोली वितरित की जाती हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अशोकनगर महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. उमा ने कहा कि गर्भवस्था में गर्भवतियों अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए खान पान पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा गर्भवती हरी पत्तेदार सब्ज़ी, फल, दूध आदि का सेवन करें जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे। उन्होंने कहा बीच- बीच में गर्भवती को किसी भी प्रकार की दिक्कत महसूस हो तो लापरवाही न करें, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क कर चिकित्सक से परामर्श लें। कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए मास्क लगाएं।

पतरेखी निवासी 24 उमा पति जयशंकर ने बताया कि वे छह माह की गर्भवती है, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अशोकनगर पर उनकी दूसरी जाँच की गई जिसमें वजन, बीपी, सिफलिस, हीमोग्लोबिन व शुगर की प्रसवपूर्व जाँच की गई। सभी रिपोर्ट नार्मल है। इससे पहले जाँच में उनमें नौ पॉइंट ब्लड था जिसके बाद डॉक्टर ने उन्हे खान पान में दूध, घी  दाल ,फल हरीपत्तेदार सब्जियां अधिक मात्रा में लेने, कैल्शियम व आयरन की गोली लेने के विषय में परामर्श भी दिया है।अब वह बिल्कुल स्वास्थ्य हैं।

अशोकनगर 23 वर्षीय यशोदा ने बताया कि उनके एक बच्चा एक वर्ष का है। और वह दोबारा से तीन माह की गर्भवती है। आज उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अशोकनगर पर तीन माह की प्रसव पूर्व जांच करवाई। जाँच के बाद डॉक्टर ने बताया कि मेरा हीमोग्लोबिन आठ पॉइंट है। जिस पर डॉक्टर ने खान-पान में हरी सब्जी दूध फल आदि लेने के लिए कहा साथ ही आयरन की गोली की सलाह दी। परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने उन्हें बच्चों में तीन वर्ष के अंतर रखने की सलाह दी, और बताया जल्दी गर्भवती होने की वजह से ही मुझे हीमोग्लोबिन की कमी है। इसलिए बच्चों में तीन साल का अंतर रखने के लिए परिवार नियोजन अस्थायी साधनों को अपनाए।

इस दौरान डॉ.उमा, स्टॉफ नर्स ललिता, परिवार नियोजन काउंसलर, बीपीएम सुनील कुमार व लाभार्थी मौजूद रहे।

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