फिरोजाबाद:–
जिले में पल्स पोलियो अभियान शुरू, पहले दिन 1247 बूथ पर पिलायी गयी दवा
सोमवार से घर घर जाएगी स्वास्थ्य विभाग की 813 टीम
बच्चों को पोलियो का खतरा अभी भी हैं, इजरायल में वर्ष 1989 के बाद वर्ष 2022 में पोलियो के केस पाए गए । मोजाम्बिक में इसी साल पोलियो के मामले रिपोर्ट हुए हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी पोलियो के केस निकले हैं । ऐसी स्थिति में देश के अन्य बारह राज्यों के साथ साथ प्रदेश के 50 जिलों में भी रविवार से पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत की गयी । फिरोजाबाद जनपद के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सैलेई बूथ पर सीडीओ दीक्षा जैन ने बेबी और आयशा को पोलियो की खुराक पिलाकर अभियान का शुभारंभ किया । पहले दिन बूथ दिवस मनाया गया जिसमें 1353 बूथ के जरिये शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पल्स पोलियो से बचाव की खुराक पिलाई गयी ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम बदन राम ने बताया कि सोमवार से 813 टीम 15 दिसम्बर तक घर घर जाकर दवा पिलाएंगी। जो बच्चे छूट जाएंगे उन्हें 17 दिसम्बर को बी टीम दवा पिलाएगी । इस बार 4.6 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी और सहयोगी संस्थाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ अभियान के सफल संचालन के लिए समन्वित प्रयास कर रहे हैं । उन्होंने बताया कि पल्स पोलियो का ड्रॉप बच्चों को जन्म के समय भी पिलाया जाता है। इसके बाद छह, दस और चौदह सप्ताह पर बच्चों को यह ड्रॉप पिलायी जाती है। इसकी बूस्टर डोज सोलह से चौबीस महीने की उम्र में दी जाती है । यह सभी डोज नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सरकारी अस्पतालों और टीकाकरण सत्रों पर दिये जाते हैं । इनके अलावा भी अभियान के दौरान बच्चों द्वारा खुराक का सेवन अनिवार्य है।
सीएमओ ने बताया कि पल्स पोलियो का वायरस जब तक किसी भी देश में बचा हुआ है, सभी देशों को बचाव के उपाय करने होंगी । इसी उद्देश्य से देश के 12 संवेदनशील राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में इस बार 10 दिसम्बर को पोलियो के लिए उप राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जा रहा है । प्रदेश के 50 संवेदशील जिलों में भी इस दिवस से अभियान की शुरूआत हुई ।
इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, यूनीसेफ के डीएमसी अनिल शुक्ला, एएनएम, आशा कार्यकर्ता सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे ।
संक्रामक वायरल रोग है पोलियो
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. केके वर्मा ने बताया कि पोलियो एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है जो पांच साल से कम आयु के बच्चों को प्रभावित करता है। यह मल, मौखिक मार्ग, दूषित पानी, आहार आदि के माध्यम से फैलता है। यह आंत में पनपता है और वहां से तंत्रिका तंत्र में पहुंच कर पक्षाघात उत्पन्न करता है । पोलियो के प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन की अकड़न और अंगों में दर्द शामिल है। इसके कारण होने वाले दो सौ संक्रमणों में से एक संक्रमण से दिव्यांगता का खतरा रहता है। वैश्विक स्तर पर इसके कारण होने वाले पक्षाघात से पांच से दस फीसदी मामलों में मौत भी हो जाती है ।
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