सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को डायरिया के लिए किया जागरूक


मथुरा:<

डायरिया से बचाव के लिए साफ-सफाई जरूरी: जिला समन्वयक

डायरिया होने पर भी माँ बच्चे को स्तनपान जारी रखें

जनपद मथुरा के गाँव तारसी व मुखरई में जागरण पहल संस्था की टीम द्वारा माता बैठक का आयोजन किया, साथ ही घर घर जाकर रेकिट इंडिया और जागरण पहल के सयुंक्त तत्वाधान में संचालित परियोजना" डेटाल बनेगा स्वस्थ इंडिया " डायरिया नेट जीरो कार्यक्रम के अंतर्गत बड़े पैमाने पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से समुदाय को डायरिया के प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इस अभियान के तहत डब्ल्यू. एच.ओ.के सात बिंदुओं पर विशेष बल दिया जा रहा है।

जिला समन्वयक निदा खानम ने बताया कि गाँव मुखरई में माता बैठक में सांस्कृतिक कार्यक्रम के द्वारा बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए जागरूक किया। उन्होंने बताया साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना जरुरी है। खासकर माँ अपने बच्चे के लिए साफ-सफ़ाई का विशेष ध्यान रखें। बार-बार डायरिया होने से बच्चे का वजन गिर सकता है जिससे वह कुपोषित हो सकता है। ऐसे में बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से इसमें रोगों से लड़ने की क्षमता कम होने की वजह से और भी संक्रामक  बीमारियां होने का खतरा बड़ जाता है। 

 उन्होंने बताया कि पीने का पानी साफ बर्तन में होना चाहिए। पीने का पानी हमेशा ढक कर रखें। पानी को निकालने के लिए डंडीदार लौटे का प्रयोग करें। खुद की व आस-पास की सफाई पर ध्यान दें, स्तनपान कराने से पहले, खाना बनाते व खिलाते समय, खाना खाने से पहले, शौच के बाद, बच्चे के मल को निपटाने के बाद हाथों को साबुन पानी से अच्छी तरह साफ करे। खुले में शौच न कराएं, बच्चे के मल को निपटाने के लिए शौचालय का प्रयोग करें। डायरिया से बचाव के लिए यह सावधानीया बरतनी चाहिए।

ब्लॉक कोऑर्डिनेटर शिपरा तिवारी ने कहा कि माँ बच्चे को छह माह तक केवल स्तनपान ही कराए। पानी, शहद, घुट्टी एवं ऊपरी आहार में कुछ भी न दें, क्योंकि यह सब बच्चे में डायरिया होने का कारण बन सकता है। 6 माह तक के बच्चे को डायरिया होने पर माँ बच्चे को केवल स्तनपान ही कराएं इसे रोके नहीं बार बार माँ का दूध ही दें, जिससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे। 

उन्होंने कहा कि डायरिया संक्रामक बीमारी है। जहां कहीं भीं गंदगी होती है वहां इसके कीटाणुओं का वास रहता है। इसके साथ सफाई नहीं रहने के कारण भी इस यह बीमारी तेजी से फैलता है। जिसमें कई जानें भी चली जाती है। इस बीमारी में दस्त अधिक होता है। इसके साथ उल्टी भी होती है। धीरे-धीरे शरीर से पानी कम होता जाता है। इसलिए इसमें सावधानी बरतना जरूरी है। यदि स्वयं की स्वच्छता पर ध्यान दें तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।

इस दौरान जागरण पहल से गुलाबी दीदी पूजा शर्मा व शालिनी चौहान आंगनवाड़ी, आंगनवाड़ी साहिका व आशा एवं लाभार्थी मौजूद रहे।

*डायरिया के लक्षण*

लगातार पतले दस्त होना 

 दस्त के साथ उल्टी का होना

निर्जीलिकरण 

भूख न लगना।

चिड़चिड़ापन

ऑंखें धसना 

 दस्त के साथ हल्का बुखार होना 

दस्त में खून आना

*डायरिया के कारण*

दूषित पानी पीने-बासी भोजन करने-पानी या भोजन सामग्री को ढंक कर नहीं रखना।

खाना जहां बनता हो वहां सफाई नहीं रहना।

खाना परोसने के समय हाथों की सफाई नहीं करना।

खाना खाने वालों द्वारा हाथ की सफाई नहीं करना

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