अलीगढ़ ;<
केंद्र सरकार द्वारा डेंगू, चिकुनगुनिया और मलेरिया के प्रबंधन और इलाज के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसी क्रम में रविवार को जनपद के एक होटल में निजी एवं सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों को इन दिशा निर्देशों के बारे में जानकारी देने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित हुआ। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान एवं गोदरेज (जी.सी.पी.एल.) और पाथ-सीएचआरआई संस्था के सहयोग से आयोजित किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद के सभी चिकित्सालयों से विशेषज्ञ चिकित्सक, फिजीशियन एवं इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर शामिल हुए। प्रशिक्षण में आगरा चिकित्सा विश्वविद्यालय से मास्टर ट्रेनर डॉ. गुरमीत सिंह द्वारा प्रशिक्षण दिया गया |
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नीरज त्यागी ने कहा कि किसी भी बीमारी के प्रबंधन और इलाज में सरकारी के साथ-साथ निजी चिकित्सकों की भूमिका भी अहम है | इसी क्रम में डेंगू, मेलरिया, चिकुनगुनिया जैसी बीमारियाँ हैं जिनके सही प्रबंधन और इलाज से किसी भी अनहोनी घटना को होने से रोका जा सकता है | इन बीमारियों पर संयुक्त प्रयासों के माध्यम से ही काबू पाया जा सकता है | उन्होंने प्रशिक्षण के आयोजन को लेकर गोदरेज सी.एस.आर. और स्वयंसेवी संस्था पाथ-सीएचआरआई का धन्यवाद किया |
वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. दिनेश खत्री ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद सरकारी और निजी दोनों ही चिकित्सालयों में डेंगू और चिकनगुनिया के इलाज के नवीन प्रोटोकॉल के लागू होने के बाद रोगियों को और बेहतर और एक समान इलाज मिल सकेगा | डेंगू में तेज बुखार के साथ सिर दर्द, ऑखों के आस-पास और जोड़ों में दर्द होता है, आँखें लाल हो जाती हैं | गंभीर स्थति में नाक और मसूड़ों से खून भी आने लगता है |
जिला मलेरिया अधिकारी डा. राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि बुखार के मरीज की मलेरिया जांच की जानी चाहिए और जो पॉजिटिव हों उन्हें त्वरित और पूर्ण उपचार शुरू करें ताकि हम रोग के संचरण की चेन को तोड़ सकें |
आई.एम्.ए. अध्यक्ष डॉ. राजीव वार्ष्णेंय और प्राइवेट डॉक्टर्स असोसिएशन अध्यक्ष डॉ. परितोष मोहन ने कहा कि लोग सरकारी और निजी दोनों ही अस्पतालों में इलाज के लिए जाते हैं | ऐसे में इलाज के नए प्रोटोकॉल पर दिया गया यह प्रशिक्षण फायदेमंद साबित होगा और यह पहली बार हो रहा है कि जिले में निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों को शामिल करते हुए नवीन उपचार प्रोटोकॉल पर प्रशिक्षण कराया गया है |
मण्डल सर्विलांस अधिकारी डॉ देवेन्द्र वार्ष्णेंय ने कहा कि संचारी रोगों के उपचार के नवीन प्रोटोकॉल की जानकारी से सरकारी और निजी दोनों ही अस्पतालों के मरीजों को लाभ मिलेगा | इसके साथ ही सभी जाँच की रिपोर्ट यू.डी.एस.पी. पोर्टल पर भी अपलोड की जानी चाहिए | इन बीमारियों को रोकने में समुदाय की भूमिका भी अहम् है |
कार्यक्रम के अंत में जिला मलेरिया अधिकारी और पाथ-सीएचआरआई के आई.वी.एम. समन्वयक सीताराम चौधरी ने सभी अतिथियों, प्रशिक्षकों एवं प्रशिक्षणार्थियों का धन्यवाद किया |
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