सामुदायिक स्तर पर रैकिट इंडिया एवं जागरण पहल के डिटॉल डायरिया नेट ज़ीरो कार्यक्रम का प्रभाव मूल्यांकन


मिर्जापुर:<

निदेशक साहिल तलवार और EY टीम ने मिर्जापुर के पहाड़ी ब्लॉक में किया सामुदायिक स्तर पर रैकिट इंडिया एवं जागरण पहल के डिटॉल डायरिया नेट ज़ीरो कार्यक्रम का प्रभाव मूल्यांकन*

   ग्रामीण स्वास्थ्य और स्वच्छता को बेहतर बनाने की दिशा में रैकिट इंडिया और जागरण पहल द्वारा संचालित डिटॉल डायरिया नेट ज़ीरो (DNZ) कार्यक्रम का मिर्जापुर जिले के पहाड़ी ब्लॉक में EY टीम द्वारा गहन प्रभाव मूल्यांकन किया गया। इस प्रक्रिया में जागरण पहल के निदेशक साहिल तलवार और EY टीम की प्रतिनिधि ममता ने भाग लिया। मूल्यांकन के दौरान विभिन्न हितधारकों जैसे आशा कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य अधिकारियों, ग्राम प्रधानों और बच्चों के माता-पिता के साथ गहन बातचीत की गई। इस चर्चा का उद्देश्य डायरिया रोकथाम के प्रयासों की प्रभावशीलता का आकलन करना, उनके प्रभावों को समझना और कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए रणनीतिक सुझाव प्राप्त करना था।

डिटॉल डायरिया नेट ज़ीरो कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों में डायरिया की रोकथाम करना, ORS के महत्व और उपयोग को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी व्यवहार में सुधार लाना और सामुदायिक भागीदारी को सशक्त करना है। इस कार्यक्रम में डायरिया रोकथाम के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा सुझाए गए सात बिंदुओं को प्राथमिकता दी गई है: डायरिया के उपचार में ORS और जिंक की खुराक का उपयोग, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, साबुन और पानी से हाथ धोने की आदतों को बढ़ावा, बच्चों का रोटावायरस टीकाकरण, पोषण में सुधार, और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं तक सामुदायिक पहुंच सुनिश्चित करना।

मूल्यांकन में यह सामने आया कि कार्यक्रम ने डायरिया की रोकथाम और ORS के महत्व को लेकर ग्रामीण समुदायों में व्यापक जागरूकता फैलाई है। इसके साथ ही, बच्चों और परिवारों में स्वच्छता से संबंधित आदतों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। आशा कार्यकर्ताओं और ग्राम प्रधानों की भूमिका ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान दिया है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में स्थायी बदलाव सुनिश्चित करने के लिए अधिक प्रशिक्षण और निरंतर जागरूकता अभियानों की आवश्यकता महसूस की गई।

इस अवसर पर जागरण पहल के निदेशक साहिल तलवार ने कहा, "डायरिया जैसी जानलेवा बीमारी की रोकथाम के लिए सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता अभियान बेहद जरूरी हैं। डिटॉल डायरिया नेट ज़ीरो कार्यक्रम के जरिए हमने ग्रामीण स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने में बड़ी सफलता प्राप्त की है।" EY टीम की प्रतिनिधि ममता ने कहा, "इस प्रकार के प्रभाव मूल्यांकन से कार्यक्रम की सफलता और चुनौतियों का विश्लेषण होता है और यह भविष्य की योजनाओं को मजबूत और प्रभावी बनाने में मदद करता है।"

डिटॉल डायरिया नेट ज़ीरो कार्यक्रम ग्रामीण स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह कार्यक्रम अन्य क्षेत्रों के लिए एक प्रभावी मॉडल साबित हो सकता है और सतत विकास तथा सामुदायिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

कार्यक्रम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पड़री में संस्था  द्वारा ORS और जिंक कॉर्नर लगाया गया , ताकि डायरिया के प्रभावी उपचार के लिए इन जीवन रक्षक साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। डिटॉल डायरिया नेट ज़ीरो कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों में डायरिया की रोकथाम करना, ORS के महत्व और उपयोग को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी व्यवहार में सुधार लाना और सामुदायिक भागीदारी को सशक्त करना है।

इस कार्यक्रम में चिकित्सा अधिकारी डॉ आनंद सिंह, जागरण पहल से ओम प्रकाश जी, कमलेश कुमार, राजन सिंह आदि ने भाग लिया।

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