अलीगढ़ : -
- आशा व किशोर अथवा किशोरियों को किया गया जागरूक।
-यौन उत्पीड़न अधिनियम पर जागरूकता अभियान के तहत प्रति महिलाओं को किया गया जागरूक।
जनपद के बेगमबाग शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर यौन उत्पीड़न को लेकर आशा व किशोर अथवा किशोरियों को जागरुक किया गया। इसके प्रति महिलाओं को यौन अपराध उत्पीड़न और प्रताड़ना से बचाने के लिए कोर्ट द्वारा विशाखा दिशानिर्देशों को आज सभी आशा कार्यकर्ताओं व पीएचसी कर्मचारियों के साथ-साथ लोगों को भी इसके विषय में जानकारी प्रदान की गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 बी.पी सिंह कल्याणी ने बताया कि महिलाओं में कार्यस्थल पर होने वाली यौन शोषण या यौन हिंसा के अलावा परिवार में इस तरह के केस में साल दर साल बहुत बढ़ोतरी देखी जा रही है । इसीलिए सभी परिवारों में खासतौर से महिलाओं को अपने परिवार की बालिकाओं के साथ-साथ बेटों को भी लैंगिक समानता व महिलाओं के प्रति सहानुभूति व सम्मान पूर्वक व्यवहार करने के विषय में मानसिक रूप से तैयार करना चाहिए।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ एस.पी सिंह ने सभी को बताते हुए कहा कि लैंगिक समानता समाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है ।जो सभी महिलाओं को सहभागिता के साथ अपनी सुरक्षा के अभियानों के प्रति सजग रहना है अथवा विशाखा गाइड लाइन में दिए गए सुरक्षा उपायों का प्रयोग करना चाहिए । उन्होंने बताया जरूरत पड़ने पर तुरंत ही मदद के लिए प्रयास करना चाहिए एवं यौन हिंसा को पूर्ण रूप से ना सीखना चाहिए । जिससे कि अपनी सहयोगीयों अधिकारियों को तुरंत ही इस विषय में अवगत कराना चाहिए।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ दुर्गेश ने कहा कि कभी भी अगर इस प्रकार की घटना से सामना होता है तो अपने अधिकारियों से तुरंत संपर्क करें व लिखित में शिकायत करें । इस तरह के मामलों के विषय में कोई डील नहीं बरती जाएगी और तत्काल समाधान के प्रयास किए जाएंगे । जिससे कि अपने परिवार जनों आसपास के लोगों व खासतौर से अपने बच्चों के साथ जरूर साझा करें । वह अपनी बच्चियों को आत्म सुरक्षा के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार करें।
शहरी क्षेत्र के अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर अकबर ने इस सभा का आयोजन करवाया और सभी आशा बहनों पीएचसी के सभी कर्मचारियों व आसपास के लोगों में इस अति आवश्यक जन जागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने बताया की यौन अपराध उत्पीड़न और प्रताड़ना इस समाज के लिए कितनी नुकसानदायक परेशानियां है और भविष्य के लिए सबसे बड़ी सामाजिक चुनौती है ।
साइकोथैरेपिस्ट डॉ अंशु एस सोम ने कहा कि परिवार के सदस्यों को अपने बच्चों के प्रति बहुत ज्यादा जागरूक रहने की जरूरत है । कि बाहर के लोगों के साथ-साथ परिवार के बाहरी सदस्यों के प्रति भी अपने बच्चों को सचेत रहने की सीख देनी चाहिए और अपने बच्चों के साथ वह परिवार के अन्य सदस्यों के साथ लैंगिक भेदभाव यौन हिंसा यह समाज में घटने वाली अन्य घटनाओं के प्रति जागरूक बनाने का प्रयास करना चाहिए ताकि समय पड़ने पर तुरंत ही वे लोग मानसिक स्थिति से कोई निर्णय ले सके और अपने बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में लगातार सिखाते रहना चाहिए ।
इस अवसर पर सीएमओ, नोडल अधिकारी एवं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, शहरी क्षेत्र के अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर अकबर खान अथवा मानसिक रोग विभाग की अंशु एस सोम और आशा बहू, अन्य कार्यकर्ता व कर्मचारी स्टाफ आदि मौजूद रहे ।


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