कासगंज :–
नसबंदी अपनाने में जहां महिलाएं अक्सर आगे रहती हैं वहीं जिले के पुरुष भी पीछे नहीं है। इन पुरुषों के प्रेरणास्रोत बने हैं पीयर एजुकेटर आसिफ खान। आसिफ पुरुषों को जागरूक कर रहे हैं और अब तक 50 पुरुषों को प्रेरित कर उनकी नसबंदी करवा चुके हैं।
कासगंज बड्डूनगर के रहने वाले आसिफ गोविन्द सेवा समिति में 11 वर्षों से पीयर एजुकेटर हैं। आसिफ कहते हैं कि उन्होंने 2010 में वे समिति में कार्य करना शुरू किया था। समिति के बारे में आउट रीच ने उनको जानकारी दी। तभी से वह संस्था से जुड़े और कार्य करने लगे। वह इंजेक्शन ड्रग यूज़र, (हाई रिस्क) में आने वाले लोगों को इंजेक्शन के बारे में जागरूक करते हैं। वह हाई रिस्क वाले मामलों को खास तौर पर जागरूक करते हैं।
आसिफ ने बताया कि छह वर्ष से पुरुष नसबंदी कराने में स्वास्थ्य विभाग का भी सहयोग कर रहे हैं। आसिफ ने बताया परिवार नियोजन काउंसलर पूनम सक्सेना के सहयोग से वह अब तक 50 लोगों की नसबंदी करा चुके हैं। उनके इस कार्य के लिए उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी कासगंज ने वर्ष 2018 में प्रशस्ति पत्र भी दिया था। आसिफ ने बताया कि वह आगे भी स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करते रहेंगे। परिवार नियोजन काउंसलर पूनम सक्सेना ने बताया कि जब आसिफ के सहयोग से ये पहल शुरू की तब थोड़ी परेशानियां आईं। लोग उनसे भागते थे, बात करने के लिए राजी नहीं होते थे। लेकिन उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को समझाया और पुरुष नसबंदी के फायदे बताए। उन्होंने बताया कि बिना कटे ही पुरुष नसबंदी की जाती है। कोई परेशानी भी नहीं होती है। पुरुष नसबंदी के एक हफ्ते बाद ही संबंध बनाने चाहिए। बिना कंडोम के संबंध जब तक न बनाएं जब तक नसबंदी वाली जांच न हो जाए। जांच रिपोर्ट सही आने पर लाभार्थी को कार्ड दिया जाता है। काउंसलर ने बताया कि पुरुष नसबंदी करवाने वाले को सरकार की ओर से 2000 रुपये और संस्था की ओर से 1000 रुपये दिए जाते हैं।
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