अलीगढ़ :–
-विश्व दिवस के अवसर पर छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से टीबी रोग के बारे में लोगों को किया जागरूक
-टीबी से बचाव ही टीबी का बेहतर उपचार है : डॉ. अनुपम भास्कर
जनपद में विश्व क्षय रोग दिवस पर धर्म समाज ऑडिटोरियम महाविद्यालय में यहां की छात्राओं ने प्रस्तुति दी। इस मौके पर सीएमओ डॉ नीरज त्यागी ने व डीटीओ डॉ अनुपम भास्कर ने 10-10 टीबी से ग्रसित क्षय रोगी मरीजों को गोद लेकर दो बच्चों को सम्मानित किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नीरज त्यागी ने कहा कि टीबी बहुत तेजी से संक्रमित होने वाली बीमारी है। इसलिए जागरूक रहें। इसका इलाज निशुल्क किया जाता है। नुक्कड़ नाटक के दौरान टीबी जागरूकता विषय पर कई संदेश दिए गए। जैसे टीवी के लक्षण क्या हैं ? इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए ?
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अनुपम भास्कर ने बताया कि टीबी (क्षयरोग) एक घातक संक्रामक रोग है, जो कि माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से होती है। टीबी (क्षयरोग) आमतौर पर ज्यादातर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है। यह रोग हवा के माध्यम से फैलता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक टीबी रोगी सरकारी अस्पताल या किसी भी प्राइवेट अस्पताल से टीबी की दवा लें मरीज को 500 रुपए प्रतिमाह प्रदान किया जाता है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेंद्र कुमार ने बताया कि मिशन 2025 के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं,
अधिकारियों व निजी डॉक्टरों ने 1042 क्षय रोगी मरीजों को ठीक करने की ली जिम्मेदारी ली है। उन्होंने बताया कि साई श्री एजुकेशनल सोसायटी की अध्यक्ष डॉक्टर पारुल जिंदल द्वारा 47 संदिग्ध क्षय रोगी मरीजों को इलाज के लिए भेजा गया। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से 38 मरीज़ों की पुष्टि हुई थी। उन्होंने कहा कि17 क्षय रोगी मरीजों को लॉकडाउन में राशन वितरित कराया गया था।
जीवन ज्योति हास्पिटल के डायरेक्टर व आईएमए के अध्यक्ष डॉ जयंत शर्मा ने 20 टीबी से ग्रसित मरीजों को गोद लिया है। उन्होंने कहा कि भारत को टीबी से मुक्त कराने के लिए ज्योति हास्पिटल द्वारा पिछले तीन साल में जहां - जहां भी शाखाएं हैं, जिनमें टीबी के इलाज के प्रति मरीजों को जागरूक किया गया और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से ग्रसित क्षय रोगी मरीजों की जांच भी की गई। उन्होंने कहा कि यह एक लाइलाज बीमारी है जो छह माह तक इसको रोकने के लिए जांच करना भी जरूरी है ।
कार्यक्रम में डॉ जयंत शर्मा, डॉ अवधेश भारद्वाज, डॉ अभिषेक कुमार, डॉ चारू, रोटरी क्लब के प्रेसिडेंट राजीव मित्तल, देवेश गुप्ता, डॉ विनोद सक्सेना, शैलेंद्र, सचदेव, पूरन चंद अग्रवाल, महेश चंद्र अग्रवाल, राजीव कुमार (सीए), टी-आर कन्या इंटर कालेज की डॉ पारूल जिंदल व डॉ नीता वाष्र्णेय, डॉ प्रियंका दिक्षित तथा हैंड्स फॉर हेल्प संस्था के डॉ. डीके वर्मा एवं उनका अन्य स्टाफ भी मौजूद रहा।
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टीबी के लक्षण:
दो सप्ताह से अधिक लगातार खांसी, बुखार, बलगम आना, बलगम में खून आना श, सीने में दर्द, भूख न लगना, वजन कम होना, रात में पसीना आना या बच्चों को गले में गांठें होना ।

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