कासगंज :–
बदलते मौसम में संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए साफ सफाई व संतुलित आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे, यह कहना है, महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनंदा सिंह।
डॉ. सुनंदा सिंह ने कहा कि बदलते मौसम में खानपान का ध्यान रखना जरूरी है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से ही शरीर बीमरियों का शिकार हो जाता है। हरी पत्ते दार सब्जी, फल, दूध,आदि का सेवन करें, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे | अपनी जीवनशैली में को बदलना चाहिए, खान पान का ख्याल रखें, व्यायाम करें, साफ-सफाई का खास ध्यान रखें, हाथ समय-समय पर धोएं, कपड़े भी अच्छे से साफ और अच्छे से सुखाए, अपने आस पास पानी इकठ्ठा न होने दें। मास्क जरूर लगाए।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस. पी. एस सिद्धू ने बताया कि अस्पताल में रोज़ाना लगभग 1400 से 1500 मरीजों की ओपीडी की जा रही है। डॉ. सिद्धू ने कहा वर्ष 7अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना के रूप में विश्व स्वास्थ्य दिवस आयोजित किया जाता है। वर्ष 1950 में विश्व स्वास्थ्य दिवस की स्थापना की गई। ताकि विश्व में एक समान सभी स्वास्थ्य सुविधाओ के प्रति जागरूक किया जा सके। इसके लिए जिला अस्पताल मामो में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अंतर्गत गुरुवार को शिविर आयोजित किया जाएगा।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.दिनेश शर्मा ने बताया उन्होंने कहा बदलते मौसम में वायरल, फ्लू, डेंगू, टाइफाइड आदि का प्रकोप भी बढ़ रहा है । गले में जकड़न और बदन टूटने के साथ वायरल बुखार शरीर हमला करता है । इसकी वजह से कई तरह के बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाते हैं । इसका असर एक सप्ताह से अधिक समय तक रह सकता है । बच्चों में डायरिया व टाइफाइड के ठीक होने में काफी समय लगता है । कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों के लिए कोई भी बुखार ज्यादा परेशानी वाला साबित होता है । कोरोना, डेंगू मलेरिया व बुखार के लक्षण सभी के मिलते जुलते होते हैं। इसलिए खुद से इलाज करने की बजाय तुरंत मान्यता प्राप्त पंजीकृत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और कोविड-19 की नि:शुल्क सेवा का लाभ उठाए। साथ-साथ सही समय पर कोविड-19 की जांच भी करानी चाहिए। खान पान पर विशेष ध्यान दें, ठंडी वस्तुओं के सेवन से बचें।
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मलेरिया का बुखार:
ठंड लगकर तीसरे दिन बुखार आना, फिर कम होते जाना - तेज बुखार के साथ उल्टी आना -डेंगू के लक्षण -तेज बुखार जोड़ों, में दर्द तेज, बदन दर्द, तेज सिरदर्द, पेट दर्द एवं शरीर पर दाने (चकत्ते टाइप) अथवा नाक से खून आना
कोरोना के लक्षण:
गले में खरास व दर्द-जाड़ा लग कर बुखार आना-बदन बहुत टूटना व कमजोरी-नाक बंद होना, सूखी खांसी आना-सांस फूलना व सांस लेते समय सीने में दर्द होना-बुखार धीरे-धीरे बढ़ना व ठीक होने के बाद भी सांस फूलना व अन्य लक्षण-नाक से गंध व मुंह से गंध व स्वाद का पता न ना लगना
-30 वर्षीय श्यामबाबू निवासी नगला मोती ने बताया कि उनके पेट में दर्द होता था | वे जिला अस्पताल पर जाँच कराने आए, उसके बाद डॉ. दिनेश शर्मा से से परामर्श लिया | डॉ सहाब ने बताया घवराने की ज़रूरत नहीं है | उन्होंने जाँच की, और अस्पताल से ही निशुल्क दवा दी | श्यामबाबू ने बताया कि दवा लेने से उनको बहुत आराम है |
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