विश्व मलेरिया दिवस पर मलेरिया से बचाव के लिए शपथ ली

कासगंज :–



आसपास दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने दें साफ-सफाई रखे : जिला मलेरिया अधिकारी

जनपद में मंगलवार को विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। इस अवसर पर अधिकतर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में शपथ ग्रहण की गईं। और जनपदवासियों को परिचर्चा के जरिए  मलेरिया के बारे में जागरूक किया गया।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अवध किशोर प्रसाद ने बताया कि मच्छरों का प्रकोप पहले सिर्फ बारिश के दौरान और बारिश के बाद दिखता था जबकि अब 2-3 महीने छोड़ दीजिए तो पूरे साल ही दिखते हैं। इसलिए आवश्यकता पड़ने पर मलेरिया रोकने के लिए अब फॉगिंग का कार्य पूरे साल चलेगा। साथ ही हमारी स्वास्थ्य टीमें सर्वाधिक मच्छर वाले इलाकों को चिन्हित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि इस बार विश्व मलेरिया दिवस की थीम “शून्य मलेरिया देने का समय : निवेश, नवाचार, कार्यान्वयन” है। इस थीम का उद्देश्य वैश्विक उन्मूलन लक्ष्यों को प्राप्त करने में नवाचार की ओर ध्यान आकर्षित करना और उनको जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करना है। उन्होंने बताया कि जनपद में 2022 में 56325 लोगों जांच की गईं जिसमें 17 मरीज मिले। इस वर्ष अब तक 12856 लोगों की जांच की गई है। इसमें शून्य मरीज मलेरिया ग्रस्त पाए गए हैं। 

जिला मलेरिया अधिकारी आलम सिंह ने बताया कि वर्तमान में संचालित संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट कराया जा रहा है। एंटी लार्वा का छिड़काव तथा फागिंग भी कराया जा रहा है। इस कार्य में नगर विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मलेरिया की जांच व उपचार की सुविधा जिला मुख्यालय के अलावा सभी सीएचसी/पीएचसी पर उपलब्ध है। शासन के निर्देशानुसार आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्र में जाकर रोगी की पहचान कर रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) किट से त्वरित जांच कर रही हैं। इसके लिए समस्त आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया गया है। जांच में मलेरिया धनात्मक पाए जाने पर जल्द से जल्द रोगी का नि:शुल्क पूर्ण उपचार किया जाएगा। 

हफ्ते भर में अंडा बन जाता है मच्छर

मलेरिया का प्रसार मादा एनोफिलीस मच्छर के काटने से होता है। एक अंडे से मच्छर बनने की प्रक्रिया में पूरा एक सप्ताह का समय लगता है। इस कारण सप्ताह में एक बार एंटीलार्वा का छिड़काव किया जाता है। यदि किसी जलपात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर दें। जैसे कूलर, गमला, टीन का डिब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ़्रिज के पीछे का डीफ्रास्ट ट्रे की सफाई हमेशा करते रहना आवश्यक है। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति का समय से इलाज शुरू होने पर जान जाने का खतरा कम हो जाता है।

क्या करें

मलेरिया से बचाव के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आसपास दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार होने पर तत्काल आशा से संपर्क करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर परामर्श लें। सही समय पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है।

इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवध किशोर प्रसाद, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शुक्ला, महामारी रोग विशेषज्ञ सुनंदा सिंह, मलेरिया इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार, यूनिसेफ जिला समन्वयक राजीव चौहान व अन्य स्टॉफ मौजूद रहा।

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