अलीगढ़ :–
विश्वास हारता नहीं है,
कोई विश्वासघाती,
कभी जीतता नहीं है।
खुशियां मनाता है,
कुछ समय के लिए।
जब तक,
कर्मों का वार होता नहीं है।
तेरे हर कदम का हिसाब,
कर्मों की किताब में लिखा है।
अब क्या सोचता है,
भूत भविष्य वर्तमान।
तूने किया क्या- क्या है ?
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