हीट वेव से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने किया अलर्ट


कासगंज :–

हीटवेव से बचाने के लिए जिला अस्पताल मैं तैयारीयाँ पूरी 

मंडलीय सर्विलांस ऑफिसर डॉ. देवेंद्र वार्ष्णेय ने अस्पताल पर किया भृमण 

      जनपद में हीट वेव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में हीट वेव से जंग के लिए तैयारीयाँ पूरी कर ली हैं। जिला अस्पताल में ओर. आर. एस. कार्नर,कूलर, बॉटर कूलर व एसी समेत सभी व्यवस्था करा दी गई हैं। साथ ही हीट वेव के लक्षण व बचाव के बारे में जानकारी के लिए जगह जगह  बैनर लगवा दीए गए हैं, और स्टॉफ की ट्रेनिंग भी करा दी गई है। अस्पताल से पोर्टल पर रिपोर्टिंग भी की जा रही है,यह जानकारी मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ. देवेंद्र वार्ष्णेय ने दी।

उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में भृमण के दौरान सभी व्यवस्था सही पाई गई, मरीजों को हीट वेव से बचाव के लिए आवश्यक दवाएं व सवा दो लाख ओआरएस पेकेट रखें गए है। जिससे लू से पीड़ित मरीजों का इलाज तुरंत शुरू किया जा सके। मई जून माह में गर्म हवा यानि लू का प्रकोप बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए सभी  स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष सावधानी बरतने को कहा है। यदि किसी को कोई परेशानी होती है तो 108 पर कॉल करें और अपना इलाज मामो अस्पताल में करवाएं 

सीएम एस डॉ. संजीव सक्सेना ने बताया कि लाल गर्म शुष्क त्वचा, पसीना न आना, पल्स रेट तेज़ होना, तेज़ तेज़ सांस चलना, सिर दर्द, थकान, कमज़ोरी आदि हीट स्ट्रोक के लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण होने पर तुरंत ही नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डॉक्टर से परामर्श ले। हीट वेव से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है। हीट वेव से बचाव बहुत ज़रूरी है।उन्होंने बताया कि तेज धूप के साथ गर्म हवाएं और बढ़ते तापमान में लोग लू लगने से हीट-स्ट्रोक से ग्रस्त हो जाते हैं।

*हीट वेव : क्या करें / क्या न करें*

 हीट वेव की स्थिति शरीर की कार्य प्रणाली पर प्रभाव डालती जिससे मृत्यु भी हो सकती है इसके प्रभाव काम करने के लिए निम्न तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए।

 *सावधान रहे*

 प्रचार माध्यमों से हीट वेव / लू के संबंध में जारी की जा रही चेतावनी पर ध्यान दें।

 हीट स्ट्रोक, हीट रैश,हीट क्रेम्प, के लक्षणों जैसे कमजोरी,चक्कर आना, सिर दर्द,उबकाई पसीना आना,बेहोशी आदि को पहचाने।

 यदि बेहोशी या बीमारी अनुभव करते हैं तो तुरंत चिकित्सीय सलाह लें।

 *हाइड्रेटेड है शरीर में जल की कमी से बचाओ*

 अधिक से अधिक पानी पिएं, यदि प्यास न लगी हो तब भी।

  यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ अवश्य ले जाएं।

ओ0आर0 एस0 घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माढ़ ), नीबू पानी आदि का उपयोग करें, जिससे कि शरीर में पानी की कमी की न हो।

 जल की अधिक मात्रा वाले मौसमी फल एवं सब्जियों का प्रयोग करें, तरबूज खरबूज संतरे अंगूर अनन्नास खीरा ककड़ी सलाद पत्ता (लेट्यूस)आदि।

 *शरीर को ढक कर रखें*

 हल्के रंग के पसीना सोखने वाले हल्के वस्त्र पहने।

 धूप के चश्मे छाता, टोपी या चप्पल का प्रयोग करें।

 अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर चेहरा हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहें तथा छाते का प्रयोग करें।

*यथासम्भव अधिक से अधिक अवधि के लिए घर कार्यालय त्यागी के अंदर रहें*

उचित वायु संचरण वाले शीतल स्थानों पर रहें।

 घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयअवधि तथा आवृत्ति को बढ़ाएं।

 पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें।

 जानवरों को छायादार स्थानों पर रखे तथा उन्हें पर्याप्त पानी पीने को दें।

*उच्च जोखिम समूह हेतु निर्देश*

 निम्न उच्च जोखिम समूह में सामान्य अवधि की तुलना में गर्मी अधिक संवेदनशील होती हैं इसलिए इन समूह के बचाव पर अधिक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है।

 एक वर्ष से कम आयु के शिशु तथा अन्य छोटे बच्चे।

 गर्भवती महिलाएं।

 गर्म वातावरण में आउटडोर कार्य करने वाले व्यक्ति।

 बीमार व्यक्ति विशेष का हृदय रोगी अथवा उपरोक्त रक्तचाप से ग्रसित व्यक्ति।

 ऐसे व्यक्ति जो ठंडी है थोड़ा सा गर्म क्षेत्रों में जा रहे है.

*अन्य सावधानीयाँ*

 घरों को ठंडा रखें।

दिन के समय पर दे खिड़कियाँ दरवाजे  बंद रखें, रात को खिड़कियां खोल कर रखें।

 दिन के समय अपने घर के निचले तल पर ठंडा करने का प्रयास करें।

शरीर के तापमान को कम करने के लिए पंखे गीले कपड़े इत्यादि का प्रयोग करें।

 *क्या न करें*

 अधिक गर्मी वाले समय में विशेषकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के मध्य सूर्य की सीधी रोशनी में जाने से बचें।

 नंगे पैर बाहर ना निकले

 आदि प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों के प्रयोग पर यथासंभव बसें तथा बासी भोजन का प्रयोग ना करें

 बच्चों तथा पालतू जानवरों की 3 गाड़ियां से ना छोड़े

 गहरे रंग के तथा तंग कपड़े ना पहने

 बाहर का तापमान ज्यादा गरम हो तो बाहर ना निकले

अधिक गर्मी वाले समय में खाना बनाने से बचें रसोई की खिड़कियां दरवाजे खोल दें।


 शराब चाय कॉफी कार्बोनेटेड, सॉफ्ट ड्रिंक बचें, यह शरीर निर्जलीकरण पैदा करते है।

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