मत्स्य पालन करना, बना प्रवासी मजदूरों का सहारा


 सुल्तानपुर:-

    जहां अरसे से गांव देहात के मजदूर महगाई से तंग आकर रोजी रोटी को लेकर शहर की राह पकड़ने को मजबूर हो रहे थे। वहीं दूसरी तरफ वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पूरे देश में कई माह तक लॉक डाउन होने से शहरों में कल कारखाने बंद पड़ गए, और लोग अपने कमरों में बंद हो गए। यहां तक कि, मजदूरों को खाने के भी लाले पड़ गए, और वे अपने वतन लौटने के फिराक में वेचैन होने लगे। प्रदेश के मुख्य मंत्री ने स्पेशल ट्रेन व बसों को चलवा कर उन्हें परदेश से उनके घर भेजने की व्यवस्था की, और लोग अपने घर पहुंचने पर काफी सुकून भी महसूस किया। तथा बहुत से प्रवासी मजदूरों ने परदेश न जाकर यहीं रोजी रोटी की तलाश में सोचने लगे।


इसी तर्ज पर विकास खण्ड कूरेभार के पुरखीपुर गांव में दिल्ली से आकर प्रवासी मजदूर राज किशोर ने अपने खेत में तालाब खुदवाकर मत्स्य पालन का व्यवसाय शुरू कर दिया।


बात करने पर रजकिशोर ने बताया नौकरी से अच्छा यही है कि, अपने घर परिवार में ही रहकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर अपना निजी व्यवसाय किया जाय। इस व्यवसाय में  अच्छी खासीआमदनी भी है, और  परदेश जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

रिपोर्टर:- रवीन्द्र कुमार पाण्डेय सुल्तानपुर

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