सोरों को तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग ने पकड़ी गति,दूसरे दिन भी क्रमिक अनशन जारी

कासगंज:-


महान संत तुलसीदास जी की जन्मभूमि है इसे तत्काल प्रभाव से एक भव्य तीर्थ नगरी घोषित किया जाए पर अफसोस उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पावन धरा तुलसी जन्म भूमि के साथ लगातार फरेब और धोखा कर रही है। जनपद कासगंज की धरोहर के साथ निरंतर अन्याय कर रही है

 सोरों सूकर क्षेत्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश ब्रज क्षेत्र में मां भागीरथी व हरिपदी गंगा तट पर सुशोभित तीर्थ भूमि है। सदियों से यह भूमि अपने आंचल में तीर्थ की महत्ता को संजोए हुए है जिसका वर्णन प्राचीन भारती संस्कृति के ऐतिहासिक ग्रंथो व पुराणों में वर्णित है। श्री विष्णु के तृतीय अवतार श्री वराह अवतार की पावन क्रीड़ा भूमि है। यह पितृ भूमि व्रद्घ गंगा एवम भागीरथी की प्रवाहमान धाराओं को भी अपने आंचल में आवद्ध किए हुए है। यह तीर्थ मोक्ष स्थली के रूप में संपूर्ण भारत वर्ष में सम्यक रूप से मान्य है। यह तीर्थ महामना गोस्वामी तुलसीदास जी जैसे महापुरुषों एवम अनेक विद्वानों की कर्मभूमि है। आगे पत्र में कहा है कि पुष्टि मार्ग के प्रवर्तक श्री चैतन्य महाप्रभु की यह तपस्थली तथा लाखों तीर्थ यात्रियों के साथ साथ धर्म गुरु संत समाज कथा वाचक संप्रदायों की साधना स्थली होने का गौरव इसे प्राप्त है। हर वर्ष सदियों से गंगा स्नान कर पुण्य प्राप्त करने हजारों की संख्या में तीर्थ यात्री इस पावन स्थल पर आते जाते है।   कि गंगा तट पर भगवान वराह की निर्माण स्थली का समुचित विकास स्वतंत्रता के बाद बनी सरकारों ने नहीं किया। जिससे इस तीर्थ स्थल का अस्तित्व समाप्त होता प्रतीत हो रहा है।  पत्र में प्राचीन तीर्थ स्थल सोरों सूकर क्षेत्र के विकास को शासन की सभी तीर्थो के प्राप्त होने वाले महत्वाकांक्षी योजनाओ में सहभागी बनाए जाने व तीर्थ स्थल का दर्जा दिलाए जाने की मांग की है।

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