डॉ. मारुती ने 18 पीपीआईसीयूडी लगाकर क़ायम की मिसाल - महिला रोग विशेषज्ञ ने काउंसलिंग के माध्यम से कई गर्भवती को किया जागरूक

कासगंज :–


परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए दो बच्चों के जन्म में  अंतर रखने के लिए चार साल में 18 महिलाओं को पीपीआईसीयूडी की सेवा प्रदानकर महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. मारुती ने मिसाल पेश की है। इसके लिए उन्हें मंडल अलीगढ़ स्तर पर अपर निदेशक डॉ एसके उपाध्याय द्वारा सम्मानित भी किया गया है। डॉ मारुती माहेश्वरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अशोकनगर पर महिला रोग विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत हैं।

 डॉ मारूती बताती हैं कि पीपीआईयूसीडी लम्बे समय तक अनचाहे गर्भ से सुरक्षा प्रदान करता है, जो प्रसव के बाद प्लेसेंटा निकलने के 10 मिनट के अंदर या प्रसव के 48 घंटे के बाद लगा सकते हैं। उन्होंने कहा  माहवारी के प्रारम्भ से लेकर सात दिन के अन्दर भी इसे लगवा सकते हैं। पीपीआईसीयूडी पांच से दस साल तक काम करती है। बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए यह विधि आसान व सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के बारे में जागरूक करने के लिए आशा व एएनएम अहम भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने बताया यदि दोबारा गर्भवती होना है, तो  महिलाएं अस्पताल मे आकर पीपीआईसीयूडी आसानी से निकलवा सकती हैं। अनचाहे गर्भ से लंबे समय तक बचने के लिए महिलाएं ज़्यादातर पीपीआईसीयूडी को अपना रही हैं। उन्होंने कहा कि छोटा परिवार,सुखी परिवार को अपनाने में सबकी भलाई है | सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बास्केट ऑफ च्वाइस मौजूद है। परिवार नियोजन काउंसलर के द्वारा परिवार नियोजन के फायदे के बारे में सभी को जागरूक किया जाता है। उन्होंने सभी से अपील की है, कि ज़्यादा से ज़्यादा लाभार्थी परिवार नियोजन के साधन को अपनाए और परिवार कल्याण कार्यक्रम को सफल बनाएं।

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