कोविड-19 की चौथी लहर से निपटने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित

अलीगढ़ :–


-डीडीयू, मलखान सिंह व जेएनएमसी समेत चार सीएचसी पर हुआ आयोजन

चीन दक्षिण कोरिया और यूरोप के देशों में लगातार कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसलिए चौथी लहर की आशंका को देखते हुए शासन ने सभी कोविड अस्पतालों की तैयारी परखने का निर्देश दिया है, इसी को लेकर पंडित दीनदयाल जिला संयुक्त चिकित्सालय में सोमवार को एडी हेल्थ डॉ. एसके उपाध्याय व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरज त्यागी के नेतृत्व में मंडलीय नोडल अधिकारी डॉ देवेंद्र वार्ष्णेय व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दुर्गेश कुमार एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनुपम भास्कर द्वारा डीडीयू अस्पताल के एमसीएच विंग में मॉक ड्रिल किया गया। यह मॉक ड्रिल अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ एसके उपाध्याय व मंडलीय नोडल डॉ देवेंद्र वार्ष्णेय की मौजूदगी में हुआ।

वहीं इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरज त्यागी ने जेएन मेडिकल कॉलेज के ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए कहा कि बीते दो साल के अंदर में कोरोना संक्रमण की पहली वह दूसरी और तीसरी लहर ने जमकर कहर मचाया था देश प्रदेश व जिले में काफी संख्या में लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए थे। जिससे कई लोगों की मौतें भी हुई थी। उन्होंने कहा दूसरी और तीसरी लहर से सीख लेते हुए अब चौथी लहर से निपटने के लिए तैयारियों को और मजबूत करने में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है।

मंडलीय नोडल डॉक्टर देवेंद्र वार्ष्णेय ने बताया कि कोरोना कि चौथी लहर से निपटने के लिए तैयारियां की जा रही हैं, संभावना है अगर चौथी लहर आएगी तो सबसे ज्यादा पर बच्चों पर प्रभाव डालेगी उन्होंने कहा कि जिले के डीडीयू, मलखान सिंह व जेएनएमसी समेत चार सीएचसी चंडौस, अतरौली, टप्पल व खैर पर भी मॉक ड्रिल की गई।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनुपम भास्कर ने कहा कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद ज्योति लहर की आशंका को देखते हुए दीनदयाल जिला संयुक्त चिकित्सालय में पूर्वाभ्यास किया गया। इसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा जो कमियां मिली, उन्हें दुरुस्त किया गया। 

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दुर्गेश कुमार ने कहा चौथी संक्रमण की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सभी तैयारियां दुरुस्त करने के निर्देश मिले हैं। इस दौरान घर से एंबुलेंस के माध्यम से कोविड अस्पताल लाने और उसके बाद उन्हें उपचार हेतु वार्ड में दाखिल कराने व जरूरत अनुसार ऑक्सीजन तथा अन्य चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की जमीन हकीकत को देखा जा सकेगा।

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