नियमित टीकाकरण को सफल बनाने के लिए धर्म गुरुओं व मीडिया कर्मियों की कार्येशाला आयोजित

कासगंज :–


सीएमओ कार्यालय में कार्यशाला आयोजित करने में यूनिसेफ का रहा सहयोग

-8 जानलेवा बीमारियों से करता है बचाव :  जिला प्रतिरक्षण अधिकारी

जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के दिशा निर्देशन में यूनिसेफ संस्था के सहयोग से नियमित टीकाकरण के लिए जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। 7 मार्च से शुरू होने वाले सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 को सफल बनाने के लिए सीएमओ  कार्यालय में धर्म गुरुओं व मीडिया कर्मियों  के साथ यूनिसेफ संस्था के सहयोग से कार्यशाला का आयोजन किया गया।

 कार्यशाला में नियमित टीकाकरण से बचाव के लिए  क्षय रोग,  हेपाटाइटिस, पोलियो, निमोनिया, काली खाँसी, गलघोंटू, दस्त,खसरा, रतौंधी जैसी 8 बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण विषय पर जानकारी दी गई।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अंजुश सिंह ने धर्म गुरुओं व मीडिया कर्मियों से सहयोग देने की अपील की । इसमें उनको सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 कार्यक्रम की कार्य योजना के बारे में जानकारी दी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 में नियमित टीकाकरण से छूटे हुए बच्चे व गर्भवतियों का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सघन मिशन इंद्र धनुष 4.0 अभियान के तहत इस अभियान को सफल बनाने के लिए तीन चरणों में चलाया जाएगा। पहला चरण 7 मार्च से 15 मार्च तक द्वितीय चरण 4 अप्रैल से तृतीय चरण 2 मई से चलेगा। कार्यशाला में उन्होंने धर्म गुरुओं से कहा कि मिशन इंद्रधनुष 4.0 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए  ज़्यादा से ज़्यादा प्रचार- प्रसार कर समुदाय में नियमित टीकाकरण के लिए जागरूक करें। जिससे कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके। उन्होंने नियमित टीकाकरण के तहत दी जाने वाली वैक्सीन और टीकाकारण के समय देने वाले चार सन्देशों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया मिशन इंद्र धनुष 4.0 के लिए 1312 केंद्र आयोजित किए जाएंगे | जिसमें 13,976 छूटे हुए बच्चे व 4,897 गर्भवतियों का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि टीकाकरण से कोई परेशानी नहीं होती है। नियमित टीकाकरण बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और जानलेवा बीमारियों से भी बचाव करता है। 

यूनिसेफ बीएमसी मुहम्मद जावेद ने  बताया कि जन्म के तुरंत बाद या 24 घंटे के अंदर बीसीजी, ओपीवी, हेपेटाइटिस टीका दिए जाते हैं,  और  यदि किसी कारण वश टीका नहीं लग पाता है, तो ओपीवी की पहली खुराक एक माह तक दी जा सकती हैं। बीसीजी का टीका एक साल के अंदर लगवा सकते हैं। ओपीवी पेंटा रोटावायरस पीसीवी, आईपीवी, डेढ़ माह, ढ़ाई माह, साढ़े तीन माह में लगते हैं। एमआर व विटामिन ए की खुराक जन्म नौ माह पर दी जाती है। उन्होंने बताया कि बीसीजी का टीका क्षय रोग,  हेपाटाइटिस, पोलियो, निमोनिया काली खाँसी गलघोंटू, खसरा, रतौंधी  जैसी बीमारियों से की बीमारी से बचाता है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवनींद्र कुमार, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अंजुश सिंह,शहरी स्वास्थ्य समन्वयक मुहम्मद यूसुफ, बीएमसी मुहम्मद जावेद, डेटा हैंडलर अमित कुमार, धर्म गुरु व मीडिया कर्मी मौजूद रहे |

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