अधिकारियों ने 115 व संस्थाओं ने 126 टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लिए, 241 स्वस्थ्य मरीजों को मिला वरदान

अलीगढ़ :–


-टीबी को छिपाने के बजाय समय पर इलाज जरूरी: डॉ. अनुपम भास्कर

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोगियों को बेहतरी के लिए स्वास्थ अधिकारियों ने 18 वर्ष तक के 115 और विभिन्न संस्थाओं ने 126 बच्चों को गोद लिया गया। वहीं वर्ष 2021 से वर्ष 2022 में 4,190 लोगों में टीबी की बीमारी पाई गई। गोद लिए बच्चों में 241 टीबी रोगी बिल्कुल स्वस्थ्य हो चुके हैं। 

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनुपम भास्कर ने बताया कि अब तक वर्ष 2019 में 15,097 वर्ष 2020 में 10,522, वर्ष 2021 में 13684 वर्ष 2022 में 4,190 रोगी टीबी के चिह्नित हुए हैं। हेल्थ विजिटर की निगरानी में दवाओं के साथ निःशुल्क उपचार से करीब पिछले पांच वर्षों में 28,547 से अधिक रोगी बिल्कुल स्वस्थ्य हो चुके हैं। इसमें 2021 के 3,412 एवं 2022 के 4,190 सक्रिय टीबी मरीजों का इलाज वर्तमान में चल रहा है। उन्होंने बताया कि विश्व क्षय रोग दिवस पर 24 मार्च को 1042 नए टीबी मरीजों को गोद लिया गया है। जिसमें अधिकारीयों व विभिन्न संस्थाओं का भी सहयोग रहा है।डीटीओ ने बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो एक दूसरे से फैलती है। इसका इलाज पूरा नहीं होने पर परिवार के अन्य सदस्यों में भी बीमारी होने की संभावना रहती है। यदि परिवार में कोई मरीज है तो उससे परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रखें। 

डॉ. अनुपम भास्कर ने बताया कि टीबी के बाल रोगियों को गोद लेने के लिए भी समुदाय को प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिले में पिछले वर्ष तक 241 बाल रोगियों को लोगों ने गोद लिया और उनकी मदद की। इनमें से सभी 241 बच्चे स्वस्थ भी हो चुके हैं। लोगों को बाल रोगियों को गोद लेने के लिए खुद से आगे आना चाहिए। 

उन्होंने बताया कि टीबी के बाल रोगियों के लिए 25 अप्रैल 2022 से बिडाकुलीन  दवा दी जाएगी। जिसके आने के बाद  से बच्चों में एमडीआर टीबी जल्दी ठीक होगी है। यह दवा छह साल तक के बच्चों के लिए 25 अप्रैल से शुरू हो जाएगी, इसके अलावा बड़ो के लिए वजन अनुसार बिडाकुलीन पहले से ही चक रही है, अन्य दवाओं से अच्छा रिस्पांस मिलेगा। टीबी रोगियों की लगातार कोरोना जांच भी कराई जा रही है। 

जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेन्द्र कुमार ने बताया कि जिले में जियो टैगिंग के माध्यम से ली जा रही स्वास्थ्य की जानकारी, जांच में टीबी पाए जाने के उपरांत हेल्थ विजिटर द्वारा मरीज को दवा व कार्ड मुहैया कराई जा रही है और ऐसे मरीज के मोबाइल नंबर से संपर्क कर, उन्हें दवा व जांच के समय आने की सूचना भी दी जा रही है। मरीज का दो महीने के बाद फॉलोअप भी शुरू किया जा रहा है, जिसकी जियो टैगिंग की जा रही है।

-------

ठीक हुए 17 वर्षीय महोम्मद अजीम:

-लाभार्थी अलीगढ़ स्थित निवासी मसूदाबाद के रहने वाले पिता मुकेश के पुत्र 17 वर्षीय महोम्मद अजीम ने बताया कि पिछले साल पेट में काफी दर्द था। इसके चलते मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान अल्ट्रासाउंड कराने के बाद पता चला कि उनके पेट में गांठ है। तभि उन्होंने आशा रानी बेगम को जानकारी दी। इसके बाद आशा ने जिला क्षय रोग केंद्र में जांच करवाई. तब मालूम पड़ा कि इन्हें टीबी की बीमारी है। इलाज के दौरान उपचार किया गया और उन्हें 6 माह तक टीबी की दवाई खिलाई गई। अब वह बिल्कुल स्वस्थ हुए उनको एक साल हो चुका है।जितेन्द्र कुमार वरिष्ठ उपचार परविक्षक ने कहा कि चिकित्सक ने सलाह दी है, कि अपना ध्यान रखें व सावधानी बरतें।

-------

यह हैं, जिले में टीबी रोग के परीक्षण केंद्र:

जनपद में टीबी रोग के परीक्षण के लिए जिला क्षय रोग नियंत्रण केंद्र, मलखान सिंह जिला चिकित्सालय, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला संयुक्त चिकित्सालय, जेएन मेडिकल कॉलेज एवं 12 ब्लाक के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पनैठी, बन्ना देवी एएनएमटीसी सेन्टर, ऊपर कोठ, नौरंगाबाद, शाहजमाल, पीएचसी में भी नि:शुल्क बलगम परीक्षण कराया जा सकता है।

0/Post a Comment/Comments

Previous Post Next Post