अलीगढ़ :–
पूरी रात गुजर जाती है ,
नींद के इन्तजार में ।
चीखतीं हैं ,खामोशियां
हालात ए ख्यालों में ।
तलाशता है , सुकून नींद को।
कुछ उलझने निहारती हैं , लफ्ज़ों को ।
और हार जाती हैं , रातों से ।
रोज सुबह निहारता हूं , जीत को
और चल देता हूं , फिर रात के इंतजार में ।
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