Homeअलीगढ शब्द और भावना – डॉ कंचन जैन "स्वर्णा" byRashtriy Samachar -March 23, 2024 0 अलीगढ़ :–यह जो, शब्द और भावनाओं की तकरार है।किसी विद्रोह या अंत की, शुरुआत है।बदनियत, शब्द और भावनाओं के मेल में,फस जाता है, किरदार ।साजिशों के खेल में।बदलता है, मंजर।कुछ वक्त के फेर में।लौट आती है, कश्ती।फिर उसी गेल में।
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