साहस की शिक्षा – डॉ कंचन जैन "स्वर्णा"

अलीगढ़ :–


कष्ट और विपत्ति की शिक्षा ने,

 मनुष्य को साहसी बना दिया,

वरना बना रहता,

 कायर , निशक्त और निरूस्साही ।

पलता रहा, पालता रहा

चिलचिलाती धूप में,

कभी अन्नदाता बनके,

कभी सिपाही बनके।

वरना बना रहता

भ्रष्टाचारी, देशद्रोही

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