कासगंज -
सोरों -
∆पवित्र पावनी गंगा नदी किनारे बसा सूकर क्षेत्र व भगवान वराह की नगरी पर इन दिनों कोरोना वायरस का संक्रमण का ग्रहण लग गया है. आस्था की इस नगरी के कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या दिन व दिन बढ़ती जा रही है, सोरों नगरी के करीब आधा दर्जन मौहल्ले कोरोना संक्रमण की जद में आ चुके है, शनिवार को आई कोरोना जांच रिपोर्ट में सोरों के 16 मरीज पॉजिटिव पाए गए, वर्तमान में धार्मिक नगरी सोरों में 35 कोरोना संक्रमण के मरीज हो चुके है जो एक भयानक स्थिति को दर्शाते है इनमे एक मरीज की ये जानलेवा वायरस जान ले चुका है, कोरोना वायरस को लेकर सोरों नगरी सहमी हुई है, लोगों में संक्रमण का खौफ साफ नजर आ रहा है, नगर के लोगों का कहना है कि सोरों में इतना खौफ कभी नही देखा है,प्रशासन ने कोरोना वायरस के कारण नगर के मोहल्ला मढई, मौहल्ला कटरा, लहरा रोड, सुनार वाली गली, चंदन चौक, मौहल्ला रामसिंह कन्टेनमेंट इलाका घोषित कर दिया है, यहां आने-जाने पर प्रतिबंध लग चुका है, लोगो की जांच स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है,
∆∆सोमवती अमावास्या के स्नान पर लगी रोक
∆आस्था की नगरी सोरों में भगवान भोलेनाथ के पवित्र माह के रूप में माना जाने वाला सावन माह के तीसरे सोमवार को पढ़ने वाले पर्व सोमवती अमावस्या पर होने वाले गंगा स्नान पर जिला प्रशासन ने रोक लगाई है, कासगंज के जिला प्रशासन के आदेशानुसार जिले भर के गंगा घाट लॉक रहेंगे, जिन पर स्नान, अस्थि विसर्जन व सभी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान प्रतिबंधित रहेंगे. कोरोना वायरस महामारी संक्रमण के चलते ऐसा पहली बार हो रहा है कि सोमवती अमावस्या जैसे पुण्य और पावन पर्व पर गंगा स्नान पर रोक लगाई गई हो. सोरों कोतवाली प्रभारी रिपुदमन सिंह ने बताया कि शनिवार-रविवार को प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन व सोमवार को सोमवती अमावस्या पर हर की पौड़ी गंगा पर होने वाले अस्थि विसर्जन, स्नान व धार्मिक अनुष्ठान प्रतिबंधित रहेंगे. अगर कोई भी व्यक्ति उल्लंघन करते हुए पाया गया तो उसके विरुद्ध सुसंगत धाराओं में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी, उन्होंने नगर व आसपास के लोगों से सरकार के लोक डाउन प्रोटोकॉल के शत-प्रतिशत पालन का आह्वान किया है।
∆∆कई राज्यो से आते है श्रद्धालु
∆भगवान वराह व गोस्वामी तुलसीदास की स्थली सोरों में कई राज्यो के श्रद्धालु आते है, मोक्ष की प्राप्ति को लेकर सोरों का गंगा घाट पवित्र स्थलों में माना जाता रहा है,यहां कई राज्यों व आसपास के जनपदों से श्रद्धालु आते रहते है, सावन के पवित्र माह में सोमवती अमावस्या का गंगा स्नान यहा के लहरा घाट, कछला घाट कादरगंज घाट पर नही हो सकेगा. वही श्रद्धालु किसी भी तरह का धार्मिक कार्यक्रम भी नहीं कर सकेंगे, जनपद के गंगा घाटों की निगरानी खाकी पर रहेगी, यहां के घाटों पर मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली व उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है, प्रशासन द्वारा गंगा घाटों पर जाने वाले सभी मार्ग पर बैरिकेडिंग कर सील कर दिए हैं, वही जिले की सीमाएं भी सील कर दी जाएगी।
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