मैनपुरी :–
-सीएचओ और एएनएम को किया गया प्रशिक्षित
-सीएमओ ने प्रशिक्षण के बाद दिए प्रमाण-पत्र
जनपद के सौ शैया अस्पताल में एएनएम और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को अंतरा व छाया के बारे में प्रशिक्षण दिया गया । दो दिवसीय प्रशिक्षण का मंगलवार को समापन हुआ।
इस अवसर पर मख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीपी सिंह ने पहले बैच के 20 सीएचओ, एएनएम और स्टाफ नर्स को प्रशिक्षण के बाद प्रमाण-पत्र प्रदान किया | प्रशिक्षण डॉ. अभिषेक दुबे ने दिया । इस दौरान डॉ. एके पचौरी सीएमएस , यूपीटीएसयू के डीएफपीएस, प्रभारी जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी रविंद्र सिंह गौर आदि उपस्थित रहे।
शारीरिक परेशानी नहीं होगी
सीएमओ ने बताया कि छाया और अंतरा परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में काफी कारगर हैं। अब प्रशिक्षण के बाद सीएचओ व स्टाफ नर्स लाभार्थियों को इनके बारे में जानकारी देंगे। उन्होंने बताया कि छाया पूरी तरह नॉन हार्मोनल है। इनके सेवन से शारीरिक कमजोरी नहीं आएगी। महिलाएं जब तक गोलियों का सेवन करेगी तब तक गर्भधारण नहीं कर सकेंगी। सेवन बंद करने के बाद वह फिर से गर्भधारण कर सकेगी। इसी प्रकार अंतरा इंजेक्शन लगाने से भी उन्हें कोई शारीरिक परेशानी नहीं होगी। सीएमओ ने बताया कि छाया पिल व अंतरा इंजेक्शन से कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा। इनके उपयोग से महिलाओं को अन्य अंतराल साधन दवाइयों के उपयोग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
सीएमओ ने बताया कि छाया गोली व अंतरा इंजेक्शन का उपयोग महिलाओं को प्रतिदिन नहीं करना होगा। महिलाओं को शुरुआत के तीन माह तक प्रत्येक सप्ताह दो गोली लेनी होगी। इसके बाद प्रत्येक सप्ताह एक ही गोली खानी होगी। इसी प्रकार अगर कोई महिला इंजेक्शन चुनती है तो उसे प्रत्येक तीन माह में एक इंजेक्शन लगवाना होगा।
नसबंदी नहीं कराने वालों को लाभ
सीएमओ ने बताया कि छाया गोली व अंतरा इंजेक्शन का सर्वाधिक लाभ नसबंदी नहीं कराने वाली महिलाओं को मिलेगा। नसबंदी न अपनाने से कई बार उन्हें अनचाहे गर्भ का सामना करना पड़ता है। ऐसे में या तो उन्हें दुष्प्रभाव डालने वाली गर्भ निरोधक गोलियां खानी पड़ती हैं या फिर संतान को जन्म देना पड़ता है। ऐसे में अब उन्हें छाया व अंतरा के उपयोग से इन परेशानियों से निजात मिल जाएगी। इसी प्रकार लोगों को अंतराल साधनों के अभाव में गर्भ ठहरने का डर भी नहीं रहेगा। इनका निशुल्क वितरण होगा।
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