सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस

कासगंज :–


365गर्भवती महिलाओं की हुई प्रसव पूर्व जाँच 18 महिलाएं उच्च जोखिम अवस्था में 

जिले में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इस उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर किया गया। इस दौरान महिलाओं को नि:शुल्क जांच सहित अन्य महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दी गई। 

जिले में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इस उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर किया गया। इस दौरान महिलाओं को नि:शुल्क जांच सहित अन्य खास बातों की जानकारी दी गई।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/परिवार नियोजन नोडल डॉ. अवनींद्र कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व अभियान दिवस पर पहली बार गर्भवती हुई महिलाओं को सरकार की ओर से संचालित लाभ देने के लिए उन्हें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में पंजीकरण किया जाता है। इसके साथ ही नि:शुल्क विशेष सेहत जांच, प्रसव स्थान, परिवार नियोजन, पोषण एवं कोरोना नियमों के प्रति जागरूक किया गया। 

 डीपीएम पवन कुमार ने कहा कि इस दिवस पर गर्भवती को नि:शुल्क प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की सुविधाएं दी जाती है। इसके साथ ही परिवार नियोजन साधन अपनाने के लिए महिलाओं को जागरूक भी किया गया जाता है। स्वस्थ माँ और बच्चा के साथ मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर पहली बार गर्भवती हुई महिलाओं को भी लाभ दिया जाता है। इस दिवस पर स्वास्थ्य केन्द्रों पर आई गर्भवती की महिला चिकित्सकों द्वारा प्रसव पूर्व सभी जाँचें जैसे ब्लड टेस्ट, यूरिन जांच, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, सिफ़लिस, हीमोग्लोबिन जांच, अल्ट्रा साउंड की नि:शुल्क सुविधा दी जाती है, एवं नव दंपत्ति को शादी के दो वर्ष के अन्तर में पहला बच्चा और दूसरे बच्चे के बीच कम से कम तीन वर्ष के बाद, दो बच्चों के बाद नसबंदी करवाने के लिए परामर्श भी दिया गया। साथ ही गर्भवती को गर्भावस्था में पोष्टिक आहार का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए, जिससे उसके और गर्भस्थ शिशु को बेहतर पोषण मिल सके।

उन्होंने कहा कि जनपद में कुल 365 गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) जांच व अन्य जांचें की गई, जिनमें से लगभग 18 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) चिन्हित की गई।

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