मैनपुरी :–
जनपद में आशा संगिनी का तीन दिवसीय क्षमतावर्धन प्रशिक्षण संपन्न हुआ। इसमें उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न मुद्दों पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण संपन्न होने के बाद आशा संगिनी को प्रमाण-पत्र भी दिया गया।
प्रशिक्षण समापन के अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीपी सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ता को स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण ईकाई माना जाता है। विभाग के आंख और कान का काम करने वाली इस कडी में उनकी संगिनी महत्वपूर्ण भूमिका में होती है। इसलिए उनका जागरुक रहना आवश्यक है।
सीएमओ ने बताया कि कोरोना काल से उबरते हुए अब सीएचसी पर संस्थागत प्रसव बढाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संगिनियों और आशाओं के उपर है। इस कर्तव्यनिष्ठा से निभाएं।
सीएमओ ने बताया कि बताया कि प्रशिक्षण में आशा संगिनियों को प्रशिक्षण के दौरान बताया कि उच्च जोखिमों वाली गर्भवतियों की पहचान करने और 2.5 किलो से कम वजन के बच्चे (लो बर्थ वेट) की ट्रैकिंग करके उनका चिन्हांकन करने के बाद शीघ्र पंजीकरण करने के बारे में प्रशिक्षित किया।
मास्टर ट्रेनर डीसीपीएम डॉ. विजय सिंह ने वीएचएनडी, आशा क्लस्टर के बारे में प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण के दौरान ब्रजेश चौहान ने आशा संगिनी को क्लस्टर बैठक में आशा का क्षमतावर्धन कैसे करना है और क्यों करना है, फैसिलिटर को किन बातों का ध्यान रखना है इसके लिए कितनी प्रोत्साहन राशि मिलेगी,गर्भवती महिलाओं का चिन्हीकरण कैसे करना है गर्भ का पता चलते ही उनका पंजीकरण करना क्यों जरूरी है आदि के बारे में बताया।
इस दौरान प्रशिक्षक के रूप में राजीव कुमार डीसीपीएम कुमारी श्वेता पाण्डेय, डीएससीओ टी एसयू एवं मॉनिटरिंग के लिए स्टेट से आई कुमारी दीपशिखा खुराना स्टेट स्पेशलिस्ट , एवं रविंद्र सिंह गौर प्रभारी जिला स्वास्थ शिक्षा अधिकारी भी मौजूद रहे।
Post a Comment